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Sunday, January 17, 2021

नसीरुद्दीन शाह ने लव जिहाद को बताया 'तमाशा', बोले- किसी का धर्म परिवर्तन कराना बिल्कुल गलत

फिल्मों में अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग और बेबाक बयानी के लिए दुनियाभर में मशहूर ऐक्टर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर हमेशा खुलकर बोलते रहे हैं। नसीर को कई बार इसके लिए आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है। अब उन्होंने '' के नाम पर संप्रदायों के बीच विवाद खड़ा किए जाने पर सख्त आपत्ति जताई है। इसके लिए नसीर ने खुद के साथ अपनी शादी का ही उदाहरण दिया है। लव जिहाद को बताया तमाशानसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में इस बात पर चिंता जताई कि 'लव जिहाद' के नाम पर हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात से बहुत नाराजगी है कि किस तरह लोगों को बांटा जा रहा है जैसे यूपी में लव जिहाद का तमाशा। पहली बात, जिन लोगों ने यह शब्द गढ़ा है उन्हें जिहाद शब्द का मतलब ही नहीं पता है। मुझे समझ में नहीं आता है कि कोई इतना मूर्ख कैसे हो सकता है कि यह सोच ले कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी।' 'हमने अपने बच्चों को हर धर्म की जानकारी दी' बता दें कि पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाए गए हैं। नसीर का कहना है कि लव जिहाद जैसे शब्द अंतर्धामिक विवाहों को हतोत्साहित करने और हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच सामाजिक दूरी बनाने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने अपनी शादी का उदाहरण देते हुए कहा, 'हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में जानकारी दी है मगर हमने उनसे कभी नहीं कहा कि उनका किसी खास धर्म से संबंध है। मुझे हमेशा लगता है कि ये मतभेद धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि एक हिंदू महिला से मेरी शादी आगे के लिए अच्छी मिसाल बनेगी। मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है।' 'किसी का धर्म परिवर्तन कराना बिल्कुल गलत है' अपनी शादी के वक्त को याद करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने बताया कि उन्होंने अपनी मां से साफ मना कर दिया था कि रत्ना पाठक शादी के बाद अपना धर्म नहीं बदलेंगी। नसीर ने बताया, 'मेरी मां बिना पढ़ी-लिखी थीं, एक रूढ़िवादी परिवार में पली-बढ़ीं, दिन में पांच बार नमाज पढ़ती थीं, पूरी जिंदगी उन्होंने रोजे रखे, हज के लिए भी गईं। उन्होंने कहा था- जो बातें हमने बचपन से तुम्हें सिखाई हैं वह कैसे बदल गईं? किसी का धर्म परिवर्तन करना बिल्कुल गलत है।' 'मैं क्यों डरूंगा? मैं अपने देश, अपने घर में हूं'साल 2018 में नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू पर गाय पर होने वाली राजनीति की आलोचना करते हुए बोला था कि उन्हें अपने बच्चों के लिए चिंता होती है। इस इंटरव्यू के बाद नसीरुद्दीन शाह सोशल मीडिया पर एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे। इस बारे में उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि एक आदमी की हत्या से ज्यादा जरूरी एक गाय की मौत बन गई है जिस पर मैं नाराज हूं। यह गलत है कि मैंने कहा था कि मैं डरा हुआ हूं। यहां तक कि मैंने डर शब्द का कभी इस्तेमाल ही नहीं किया। मैंने कई बार कहा कि मैं डरा हुआ नहीं बल्कि नाराज हूं। मैं क्यों डरूंगा? मैं अपने खुद के देश में, अपने घर में हूं। पांच पीढ़ियों से मेरा परिवार इसी मिट्टी में मिला है। मेरे पूर्वज यहां 300 साल से रह रहे हैं। अगर यह सब भी मुझे हिंदुस्तानी नहीं बनाता है तो क्या बनाएगा?'


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